
कुछ रिश्ते अनजाने में हो जाते हैं !पहले दिल फिर जिंदगी से जुर जाते हैं !!कहते हैं उस दौर को दोस्ती....!जिसमे लोग जिंदगी से भी प्यारे हो जाते हैं
जिनकी झलक मे करार बहुत है..उसका मिलना दुशवार बहुत है..जो मेरे हांथों की लकीरों मे नहीं..उस से हमें प्यार बहुत है..जिस को मेरे दिल का रास्ता भी नहीं...